”आज का बजट नौकरशाही के नाम, आंकड़ों की बाजीगरी को सलाम” बजट में बजट और दिशा का अभाव है – यशपाल आर्य
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि आज का बजट एक असफल सरकार का बजट है। जिसने हर वर्ग को निराश किया। बजट से साफ हो गया है कि, भाजपा की डबल इंजन सरकार में प्रति व्यक्ति आय और विकास की मंजिल केवल मिथ्या प्रचार और जुमलेबाजी है
सरकार के पास विकास की कोई दृष्टि नहीं है,बजट में केवल केंद्र सरकार की योजनाओं का विस्तृत रूप से उल्लेख किया गया है : यशपाल आर्य
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि, कुल मिलाकर ये बजट दिशा दिखाई देती है। बजट में विकास के मुख्य बिंदु लक्ष्य, संभावना, कार्य प्रगति और गतिमान जैसे शब्द तक सीमित रहे। इसमें आज की समस्याओं का समाधान और भविष्य के किसी भी निर्णय को आगे बढ़ाने का कोई रास्ता नहीं दिखता है।
घरों को बजट में महंगाई कम होने की उम्मीद थी। लेकिन सरकार के बजट ने सबकी आशाओं पर पानी फेर दिया : यशपाल आर्य
सरकार ने इस सालवत का आयोजन किया और देश-विदेश में सैर-सपाटा कर उस पैसे की फिजूलखर्ची
की है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि बजट में केवल केंद्र सरकार द्वारा दी गई सहायता का विस्तृत विवरण दिया गया है। प्रदेश सरकार ने अपनी किसी ऐसी योजना का उल्लेख नहीं किया है जो प्रदेश के विकास में सत्य सिद्ध हो।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि आज का बजट एक असफल सरकार का बजट है। जिसने हर वर्ग को निराश किया। बजट से साफ हो गया है कि, भाजपा की डबल इंजन सरकार में प्रति व्यक्ति आय और विकास की मंजिल केवल मिथ्या प्रचार और जुमलेबाजी है। इसे केवल मानक नारों और प्रेमी शीर्षकों से अपनाया गया है।इसे केवल खोखले नारों और फैंसी शीर्षकों से सजाया गया है।”
जनता को उम्मीद थी कि चुनावी बजट होने की वजह से कम से कम घोषणा में ही सही, उसे इस बार महंगाई, बेरोजगारी, बेतहाशा टैक्स और आर्थिक मंदी से कुछ राहत मिलेगी।
ऐसा प्रतीत होता है सरकार घोटालों को विकास, रिकॉर्डतोड़ बेरोज़गारी को उन्नति, बेकाबू अपराध को तरक्की, बढ़ती नशाखोरी और महंगाई को उत्थान और चरमरायी स्वास्थ सुविधाओं को उपलब्धि मानकर चल रही है।
किसान, मजदूर, कर्मचारी, वंचित ,शोषित,दलित समेत हर वर्ग पर अत्याचार करने और उनको अपमानित करने को ही भाजपा ने समृद्धि का मार्ग मान लिया है। लेकिन नागरिक चेतना और मानवीय विवेक कहता है कि ये विनाश का रास्ता है, समृद्धि का नहीं।
‘सरकार के पास विकास की कोई दृष्टि नहीं है,बजट में केवल केंद्र सरकार की योजनाओं का विस्तृत रूप से उल्लेख किया गया है । प्रदेश सरकार ने अपनी किसी योजना का उल्लेख नहीं किया जो प्रदेश के विकास में सार्थक सिद्ध हो।
उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव की दृष्टि से जनता को उम्मीद थी कि बजट में कम से कम कुछ की घोषणा की जाएगी। लोगों को आशा थी कि इस बार बेरोजगारी, बेतहाशा टैक्स और आर्थिक मंदी से कुछ राहत मिलेगी। पर कुछ हाथ नहीं लगा।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि, कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना को लेकर आशान्वित थे और किसान मुख्य रूप से समर्थन मूल्य के लिए थे। रिश्तों को नई शुरुआत की आशा थी, घरों को बजट में महंगाई कम होने की उम्मीद थी। लेकिन सरकार के बजट ने सबकी आशाओं पर पानी फेर दिया।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि, इस बजट में अगर कुछ भी मिला तो उस पर कर्ज का भार है। लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि, रोजगार और सरकारी भर्ती आदि तो दूर, इस साल भी सरकार कुल बजट का एक वैकल्पिक ऋण लेकर काम करेगी।
उन्होंने कहा कि, उत्तराखंड में सरकार की नाकामयाबियों की उपलब्धि के नाम पर विश्वास सिर पर उधारी रहेगी। जल्दी सारे रोजगार निजी हो जाएं, बस सरकार ही सरकारी रहेगी।
यशपाल आर्य ने कहा कि, सरकार के बजट भाषण में कहा जा रहा है कि प्रदेश में भारी मात्रा में निवेश आ रहा है। लेकिन इसमें नाकामयाब बताया गया है कि, उस निवेश से संबंधित रोजगार को किस जिले में सरकार को बताना चाहिए। विपक्षी नेता ने आरोप लगाया कि, ”ग्लैबल इन्वेस्टर्स कमेटी” के लिए पिछले साल के बजट में 65 करोड़ रुपये का प्राविधान रखा गया था। सरकार ने इस सालवत का आयोजन किया और देश-विदेश में सैर-सपाटा कर उस पैसे की फिजूलखर्ची
की है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि बजट में केवल केंद्र सरकार द्वारा दी गई सहायता का विस्तृत विवरण दिया गया है। प्रदेश सरकार ने अपनी किसी ऐसी योजना का उल्लेख नहीं किया है जो प्रदेश के विकास में सत्य सिद्ध हो।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि, कुल मिलाकर ये बजट दिशा दिखाई देती है। बजट में विकास के मुख्य बिंदु लक्ष्य, संभावना, कार्य प्रगति और गतिमान जैसे शब्द तक सीमित रहे। इसमें आज की समस्याओं का समाधान और भविष्य के किसी भी निर्णय को आगे बढ़ाने का कोई रास्ता नहीं दिखता है।