मोहन भंडारी (नगर पंचायत, गैरसैंण) ने कहा — ट्रस्ट का यह प्रयास स्वास्थ्य सुविधा की कमी को दूर कर रहा है।”
गैरसैंण क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल करते हुए श्री महंत इंद्रेश अस्पताल, पटेलनगर देहरादून के सौजन्य से एक विशाल निशुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम ने विभिन्न बीमारियों की जाँच, परामर्श और निशुल्क दवाइयाँ प्रदान कीं। आयोजन में क्षेत्र के 3000 से अधिक लोगों ने लाभ उठाया।
इस जनसेवी प्रयास के लिए अस्पताल के अध्यक्ष श्री महाराज जी को पूरे क्षेत्र की जनता और जनप्रतिनिधियों ने दिल से धन्यवाद दिया।
प्रियंका नेगी, ग्राम प्रधान, सारकोट ने कहा मे श्री महाराज जी का दिल से धन्यवाद करती हूँ। निशुल्क स्वास्थ्य शिविर से क्षेत्रवासियों को अत्यंत लाभ मिला।
कामेश्वरी देवी, जिला पंचायत सदस्य (गैरसैंण) ने कहा“श्री महाराज जी ने हमारे क्षेत्र की पीड़ा को समझा।
हिमांशु शाह, सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा “स्वास्थ्य शिविर का आयोजन हमारे अनुरोध पर हुआ, इसके लिए महाराज जी का आभार।
दुर्गा देवी रावत, ब्लॉक प्रमुख (गैरसैंण) ने कहा
“महंत जी ने दूरस्थ क्षेत्र की जनता के लिए ये शिविर आयोजित कर मानवता का परिचय दिया।
, प्रधानाध्यापिका, राजेश्वरी करुणा विद्यालय ने कहा
“स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में महाराज जी की भूमिका अतुलनीय है। जो लोग बाहर नहीं जा सकते थे, उन्हें इस शिविर से बहुत लाभ हुआ।”
महावीर रावत, अध्यक्ष, भाजपा जिला युवा मोर्चा ने कहा
“दूरस्थ क्षेत्र में विशेषज्ञ डॉक्टरों की सेवा मिलना अपने आप में बड़ी बात है। महाराज जी का आभार कि उन्होंने इंटीरियर क्षेत्रों की जनता के लिए इस प्रकार की व्यवस्था की।”
वही भाजपा युवा मोर्चा के जिला मंत्री ने कहा:“महिलाओं और बच्चों के लिए विशेष सेवाएँ मिलना क्षेत्र के लिए वरदान साबित हुआ। हम महाराज जी के सहयोग के लिए कृतज्ञ हैं।
मोहन भंडारी, नगर पंचायत गैरसैंण ने कहा “स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में यह शिविर मील का पत्थर सिद्ध हुआ
पान सिंह नेगी, अध्यक्ष, प्रधान संघ ने कहा “जो डॉक्टर हम बड़े शहरों में ही देख पाते थे, वो आज हमारे क्षेत्र में पहुँचे – ये हमारे लिए सौभाग्य की बात है। गरीबों के लिए यह शिविर वरदान है।”
वही स्वास्थ्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में श्री महाराज जी के प्रयासों को सभी वक्ताओं ने एक स्वर में सराहा। क्षेत्रीय जनता की सेवा और जनकल्याण के लिए उनके द्वारा किए जा रहे कार्यों को “निःस्वार्थ जनसेवा का प्रतीक” बताया गया।
यह स्वास्थ्य शिविर न केवल चिकित्सा सुविधा की दृष्टि से, बल्कि जनसंपर्क और सामाजिक एकता की दृष्टि से भी अत्यंत सफल रहा।